वृन्दावन:- हरियाली तीज पर्व पर विश्व विख्यात ठाकुर बांके बिहारी में मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। ठाकुर बाँके बिहारी ने स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान होकर भक्तो को दर्शन दिये।
इस बार खास बात यह थी कि डेढ़ दसक बाद आज सुबह के समय में भी स्वर्ण रजत झूला डाला गया। इस अनुपम छवि को निहार कर भक्तगणों की खुसी का ठिकाना न रहा। अपने आराध्य की मनमोहक छवि निहार कर श्रद्धालु भक्त भाव विभोर दिखाई दिये।इससे पूर्व सुबह तड़के ही दूर दराज से आये भक्तो की मंदिर प्रांगण में भारी भीड़ दिखाई दी।
हरियाली तीज पर ठाकुर जी को गर्भ गृह से जगमोहन में स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजमान कराया गया। सुबह जैसे ही भगवान ने भक्तो को दर्शन दिए। सम्पूर्ण मंदिर परिसर ठाकुर जी के उद्घोशों से गुंजायमान हो उठा।
गौरतलब है कि हरियाली तीज के पर्व का तीर्थ नगरी वृंदावन में विशेष महत्व है । इस दिन यहां सभी प्रमुख मंदिरों में विराजमान ठाकुर जी को झूला झुलाने की परंपरा है। मान्यता अनुसार इस दिन पहली बार वृंदावन की पवित्र धरा पर भगवान श्री कृष्ण ने राधा संग झूला झूलने का आनंद लिया था। तब से लेकर आज तक वृंदावन के सभी प्रमुख मंदिरों में उसी परंपरा का पूरी आस्था के साथ निर्वहन किया जा रहा है। 32 फुट चौड़े और 12 फुट ऊंचे सोने एवं चांदी से निर्मित इस विशाल झूले में बांके बिहारी झूलन उत्सव का आनंद लेते हैं। और उनके दोनों तरफ खड़ी सखियां उन्हें झूला झूलाती हैं। हरियाली तीज के मौके पर हरे रंग को महत्व को देखते हुए ठाकुर जी को हरे रंग की विशेष पोशाक धारण कराई गई। इतना ही नहीं सेवायतों ने भी हरे रंग की पोशाक पहनी हुई थी। हरियाली तीज पर्व को लेकर ठाकुर जी को घेवर का भोग अर्पित किया गया। मंदिर में ठाकुर जी के स्वर्ण रजत हिंडोला दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहा।
इधर बाहर से आये श्रद्धालु प्रभु भक्ति में ओतप्रोत नजर आये। वही सावन के गीतों पर महिला श्रद्धालु थिरककर झूमती नजर आयी। वही बाँके बिहारी मंदिर में स्वर्ण रजत हिंडोला दर्शन का क्रम देर रात तक चलता रहा।
रिपोर्टर:- विकास अग्रवाल