इच्छा नवमी पर महिलाओं ने पूजा अर्चना कर पति की लम्बी आयु की कामना की


इटावा/जसवंतनगरः- कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी आंवला नवमी के रूप में मनाई गई। इसे अक्षय नवमी या इच्छा नवमी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सुबह व्रत और पूजन का संकल्प कर महिलाएं खीर और पूड़ी बनाकर आंवले के पेड़ के नीचे पहुंचकर जल और दूध से आचमन किया।


इसके बाद रोली और मौली बांधकर आंवले के पेड़ का पूजन किया जाता है। साथ ही उसी पेड़ के नीचे बैठकर ब्राह्मणों को भोजन कराने के बाद स्वयं भोजन करती हैं। मान्यता है कि द्वापर युग में भगवान कृष्ण ने अक्षय नवमी को कुंती को इच्छा नवमी का व्रत करने की सलाह दी थी। तब कुंती ने यह व्रत किया था। तब से यह व्रत चला रहा है। महिलाएं अक्षय नवमी पर अक्षय सुहाग की कामना की और साथ ही परिवार की सुख-शांति और समृद्घि भी मांगा। परंपरानुसार महिलाओं ने आंवला वृक्ष की रोेेली, अक्षत, फल, पुष्प, मिष्ठान आदि से पूजा कर धागा भी पेड़ पर लपेटा। बाद में उन्होंने प्रसाद ग्रहण कर उपवास खोेला।


रिपोर्टर:- सुबोध पाठक