बरेली:- नगर निगम के दो महारथियों के बीच तालमेल बिचौलियों की वजह से बिगड़ा है। निगम में दो लोगों ने ऐसा खेल रचा कि मेयर और नगरायुक्त में पट नहीं रही। अब वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और प्रमुख सचिव नवनीत सहगल ने मध्यस्थता की पहल की है। बताते हैं कि मेयर के कार्यालय में रोज एक नेता आकर नगर निगम और प्रशासनिक अधिकारियों के बारे में पतंगा लगा देते हैं। इसी तरह एक कर अधीक्षक अपने को नगरायुक्त का खास बताते हैं। जब दोनों बिचौलियों का बैकग्राउंड देखा तो नेता ने मेयर को चढ़ाकर निगम ही नहीं बाकी जगहों पर फायदा उठाया है। जबकि कर अधीक्षक ने हाउस टैक्स में की गई गड़बड़ियों को छुपाकर नगरायुक्त तक मेयर की बुराइयां कर मामले को तूल देकर अपने गुनाह छुपा लिए। पिछले दिनों कर अधीक्षक का तबादला भी हो गया मगर रिलीव न होने से वो जा नहीं पाए। बरेली में मॉल, शोरूम और कई होटलों से लाखों की वसूली निगम में नहीं उनकी जेब तक पहुंचती है। विवाद को 100 दिन से ज्यादा का समय बीत गया है। पॉर्टेबल शॉप से शुरू विवाद एलन क्लब से लेकर निर्माण कार्यों तक पर आकर रुक गया। मेयर डा. उमेश गौतम नगर निगम में पब्लिक के कामों पर जोर देने की बात कर रहे हैं। नगरायुक्त सैमुअल पॉल एन नियम से हटकर कोई काम करने को तैयार नहीं है।
विवाद की वजह से शहर की ये योजनाएं खटाई में
बेसमेंट पार्किंग
सीवर लाइन, सड़कों का चौड़ीकरण
नाला-नालियों का निर्माण, जल निकासी का प्रबंधन
शहर में फेरी नीति को लागू करने की योजना
शहर की सफाई व्यवस्था को सुधारने के लिए योजना
अतिक्रमण हटाओ, पॉलिथीन हटाओ अभियान
कूड़ा कलेशन के लिए डोर-टू-डोर का सर्वे
योजना में होने वाले काम जो अटके हुए
पेयजल आपूर्ति
सीवरेज व्यवस्था
ठोस अपशिष्ठ प्रबंधन
जलनिकासी
पुनरीक्षित कार्य (स्वास्थ्य विभाग)
पुनरीक्षित कार्य (निर्माण विभाग)
बरेली ब्यूरो:- कपिल यादव