बरेली:- पोस्टमैन ने दिल्ली से आई स्पीड पोस्ट को कई दिन बाद देने व फर्जी हस्ताक्षर के मामले में विभाग द्वारा की जा रही जांच परवान नहीं चढ़ सकी। जांच में पोस्टमैन पर कार्यवाही के बिना ही ठंडे बस्ते में चली गई है। यहां लम्बे समय से तैनात पोस्टमैन की विभाग में इतनी मजबूत पकड़ है कि बह कुछ भी करें। उनकी तैनाती कस्वे में ही रहनी है जिस कारण लोग परेशान है। पोस्टमैन का हाल यह है कि स्पीड पोस्ट या रजिस्ट्री द्वारा आयें हुए पत्रों के अलावा पैन कॉर्ड, पासपोर्ट आदि सभी को फर्जी हस्ताक्षर करके प्राप्त कर अपने घर पर ही रख लेता है और लोग डाक घर के चक्कर लगाते रहते है। इस फर्जीबाड़े का खुलासा तब हुआ जब मीडियाकर्मी इमरान अंसारी के रिश्तेदार उवैस हुसैन ने एक लेटर दिल्ली से तेईस दिसम्बर 2019 को स्पीड पोस्ट द्वारा भेजा था जोकि समय सीमा बीत जाने के बाद भी उनको नहीं मिल सका तब इमरान अंसारी ने डाक घर जाकर जांच पड़ताल की। तब पता चला कि पोस्टमैन ने फर्जी हस्ताक्षर कर स्पीड पोस्ट को रिसीव कर लिया लेकिन उपभोक्ता तक नहीं पहुंचाया। जब मामला ऑडिशन टाइम्स अखबार में छपा तब 4 जनवरी को स्पीड पोस्ट से आए कागज मीडिया कर्मी को मिल पाए। अखबार में छपी खबर पर इस मामले में विभाग द्वारा जांच की जा रही है। जिसमें उपभोक्ता मीडिया कर्मी इमरान अंसारी के कस्बे के पोस्ट मास्टर अरविंद कुमार व बिभाग से आई टीम ने भी बयान लिए। पोस्टमैन प्यारेलाल लम्बे समय से इस कस्वे में तैनात है इनकी अक्सर शिकायतें आती रहती है। इस मामले में उपभोक्ता मीडिया कर्मी इमरान अंसारी का कहना है कि पोस्टमैन द्वारा मेरे फर्जी हस्ताक्षर करके स्पीड पोस्ट से आए कागजात को रख लिया गया जोकि कानूनन जुर्म है। इस मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिये। यदि डाक विभाग पोस्टमैन के खिलाफ एक्शन नहीं लेता है तब इस प्रकरण में पोस्टमैन पर फर्जीबाड़े का मुकदमा दर्ज कराएंगे।।
बरेली ब्यूरो :- कपिल यादव