इटावा:- जसवन्तनगर के मोहल्ला फक्कड़पुरा में अब्दुल कलाम वेलफेयर सोसायटी के तत्वावधान में स्वतन्त्रता संग्राम सेनानियों व शहीदों की याद में काव्य गोष्ठी का आयेजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. धर्मेन्द्र कुमार ने की। रियाज इटावी ने कहा कि आबे गंगा नहीं हम छोड़ के जाने वाले, ये तिरंगा नहीं हम छोड़ के जाने वाले।
यासीन अंसारी ने पढ़ा कि दर्द गैरों का हम को प्यारा हो, मुल्क में इतना भाईचारा हो। शकील सागर ने कहा कि ऐ पाक तिरे हक में ये तस्वीर नहीं है, कश्मीर तिरे बाप की जागीर नहीं है। वरिष्ठ शायर सलीम इटावी ने कहा कि रिश्तों को अपने जीते जी जो मार गये थे, वो और मुसलमां हैं जो उस पार गये थे। डॉ.धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि देश की किताब को भविष्य मानता हूं मैं, देश के भविष्य को किताब मानता हूँ मैं। खादिम अब्बास ने कहा कि शहीदों को सच्ची श्रदांजलि ये है कि हम देश की एकता और अखंडता को बनाये रखें। कार्यक्रम में सलीम इटावी व शकील सागर को सम्मानित किया गया। प्रेम, भाईचारा व साम्प्रदायिक सौहार्द को कायम रखते हुए भारत को मजबूत बनायें। गोष्ठी में अब्दुल मन्नान, पाक मोहम्मद, इलियास सिद्दीकी, अनस वारसी, अब्दुल जब्बार आदि मौजूद रहे। संचालन रियाज इटावी ने किया।
विशेष संवाददाता:- सुबोध पाठक